भारत की डिजिटल करेंसी की पूरी जानकारी
क्या है इंडिया की डिजिटल करेंसी?
आप भी आजकल तरह-तरह की बातें सुन रहे होंगे। लेकिन यह समझना बहुत ही मुश्किल हो गया है कि आखिर इंडिया की करेंसी है क्या?
आज लगभग 60 परसेंट से भी ज्यादा देश डिजिटल करेंसी के ढांचे के परीक्षण की तैयारी कर रहे हैं। कई देशों ने इसकी शुरुआत कर भी दी है,जैसे- स्वीडन की डिजिटल करेंसी है 'क्रोना'।
भारत की माननीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण के दौरान, 1 फरवरी 2022, को यह कहा कि भारत जल्द ही अपनी केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी यानी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी ( सीबीडीसी) को लांच करने जा रहा है।
इस आर्टिकल में आप पढ़ेंगे:
* क्या है सीबीडीसी?
* इसके काम क्या क्या है?
*यह कब तक मार्केट में आएगा?
* क्या यह वैध है?
* सीबीडीसी के क्या क्या फायदे है?
* सीबीडी से जुड़े हुए तमाम रिस्क?
* क्या यह भौतिक करेंसी की जगह ले लेगा?
क्या है सीबीडीसी?
सी बी डी सी का फुल नाम है "सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी"। केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी मौजूदा व्यावहारिक करेंसी का इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप है। इसका इंटरनेट के माध्यम से लेनदेन किया जा सकेगा।
सीबीडीसी के कार्य क्या क्या है?
यह वह सारे कार्य कर सकता है जो अब तक आपकी जेब का पैसा करता था।यानी आप इससे बचत कर सकते हैं। आप इसे लेन-देन में उपयोग कर सकते हैं। इससे किसी भी चीज का भुगतान कर सकते हैं।
यह मुद्रा कब तक बाजार में आ जाएगी?
केंद्रीय बैंक बहुत लंबे समय से डिजिटल करेंसी को लॉन्च करने की योजना बना रहा है। बजट भाषण के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि अप्रैल 2022 से यह मार्केट में आ सकता है। हालांकि इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने की योजना है।
क्या यह वैध मुद्रा होगी?
जी हां, यह पूरी तरह से भौतिक मुद्रा की तरह ही वैध मुद्रा होगी। इसको भी आरबीआई ही जारी करेगा और इसके चलन की पूरी जिम्मेदारी आरबीआई की ही होगी।
सीबीडीसी के क्या-क्या फायदे हैं?
सीबीडीसी के उपयोग में आने से इसके कई तरह के फायदे हैं।जैसे-
1.) सरकार के लिए काले धन और भ्रष्टाचार पर नकेल कसना बहुत आसान हो जाएगा।
2.) भौतिक मुद्रा को छापना, चलाना और संभालना केंद्रीय बैंक के लिए एक बड़ी चुनौती है। सीबीडीसी के साथ ही इस समस्या से भी छुटकारा मिल जाएगा।
3.) हम सबके लिए भी बहुत मुद्रा की सुरक्षा,व उसको संभालना बहुत मुश्किल काम है।सीबीडीसी के चलन के साथ ही भौतिक मुद्रा की सुरक्षा संबंधित समस्याओं से आम जनता को छुटकारा मिल जाएगा।
4.)इसके साथ भारत की एक बहुत बड़ी आबादी, जिसका अभी बैंक में खाता नहीं है,बैंक में खाता खुलवा कर उससे जुड़ जाएगी।
5.) लोगों के लिए लेनदेन आसान हो जाएगा।
6.) आज भारत का 90 परसेंट अंतरराष्ट्रीय व्यापार अमेरिकी डॉलर में होता है। भारत की डिजिटल करेंसी लांच होने के बाद हम अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी पहुंच और मजबूत कर सकते हैं।
सीबीडीसी के क्या नुकसान है?
प्रथम तौर पर इसके कुछ नुकसान समझ में नहीं आते हैं। हालांकि इसके कुछ नुकसान हैं जैसे:
1.) सीबीडीसी मुद्रा की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती होगी। इसमें सबसे बड़ा अंदेशा साइबर क्राईम और फ्रॉड का है। हालांकि, एक अच्छी साइबर सिक्योरिटी व्यवस्था और लोगों की जागरूकता के साथ इससे निपटा जा सकता है।
2.) उसके साथ एक और रिस्क है। डिजिटल रूप से निरक्षर लोग तक इसकी पहुंच नहीं हो पाएगी और यह समाज में डिजिटल डिवाइड की भूमिका तैयार करेगा।
क्या यह भौतिक मुद्रा की जगह ले लेगा?
जी नहीं, सीबीडीसी कभी भी भौतिक मुद्रा की जगह नहीं लेगा। अपितु,भौतिक मुद्रा व डिजिटल मुद्रा दोनों साथ-साथ बाजार में चलेंगे।
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